अरविन्द केजरीवाल पर पुस्तक
लेखन
हम अरविन्द केजरीवाल के ऊपर
एक व्यक्ति, एक व्यक्तित्व, उनके उद्भव, निर्माण, सत्यता, हकीकत और फ़साने और उनके
जीवन और समय के इर्द-गिर्द एक पुस्तक लिख रहे हैं.
अरविन्द केजरीवाल पिछले कुछ
वर्षों में भारत में घटने वाली कुछ सबसे विचित्र घटनाओं में एक हैं. एक आईआईटीयन,
एक आईआरएस अफसर, एक सामाजिक कार्यकर्ता, एक भ्रष्टाचार विरोधी नेता, एक राजनेता,
एक मुख्यमंत्री, एक संभावित प्रधानमंत्री के खिलाफ प्रत्याशी और इन सभी चीज़ों का
एक मिला-जुला स्वरुप, केजरीवाल एक लम्बे समय से विभिन्न रूपों में सक्रिय थे पर
उनका व्यापक स्तर पर एक पब्लिक फिगर के रूप में प्रादुर्भाव 2011 में तब हुआ जब उन्होंने अन्ना हजारे तथा अन्य लोगों के साथ
मिल कर अन्ना आन्दोलन सामने लाया.
तब से केजरीवाल लगातार अपने
कृत्यों और अकृत्यों के कारण किसी ना किसी प्रकार से राष्ट्रीय घटनाचक्र के
केन्द्रबिन्दु में रहे हैं. एक समय था जब वे ज्यादातर लोगों द्वारा हीरो समझे जाते
थे और उनके बहुत ही कम निंदक थे. आज उनके बड़ी संख्या में मित्र भी हैं और शत्रु
भी, प्रशंसक भी हैं और निंदक भी. ऐसे भी कई लोग हैं जो कहते हैं कि वे अब हमेशा के
लिए चूक गए हैं जबकि ऐसे तमाम लोग हैं जो यह मानते हैं कि उनकी पूरी प्रतिभा का भी
तक प्रस्फुटन नहीं हुआ है. ऐसे भी लोग हैं जो उनके साथ जुड़े काले अध्यायों का भी
जिक्र करते रहते हैं.
इन सब के साथ ही यह भी सत्य
है कि केजरीवाल का उदय और उनका राष्ट्रीय फलक पर फैलाव और उसके बाद की उठा-पटक भरी
जिन्दगी कुछ स्वप्न सरीखा जान पड़ता है. उनके बारे में काफी कुछ कहा जा चुका है पर
इसके बाद भी एक व्यक्ति, उनकी सोच, उनके व्यक्तित्व, उनकी उपलब्धियों, उनकी
कामयाबी और नाकामयाबी के बारे में वस्तुपरक अनुसन्धान और व्यापाक
सामाजिक-सांस्कृतिक सन्दर्भों में सत्यपरक निरूपण की अभी भी काफी जरूरत है.
इस प्रकार उनका व्यक्तित्व
अपने आप में ध्यानाकर्षक, उनकी बढ़ोत्तरी अद्भुत और उनके चारों तरफ रहस्य और
विवादों का ताना-बाना अन्य तमाम लोगों के साथ हमें भी आकर्षित करता रहा है और यही
कारण है कि अपने समर्थकों द्वारा एके और अपने निंदकों द्वारा केजरू, खुजलीवाल आदि
कहे जाने वाले इस शख्स और उनके समय के बारे में सतही तौर पर नहीं बल्कि पूरी गहराई
में एक व्यापक और ईमानदार दृष्टिकोण के साथ हमने यह पुस्तक लिखने का निर्णय लिया
है.
अतः केजरीवाल पर पुस्तक
लिखने का यह निर्णय है. हम अपने उन सभी साथियों से, जो इस विषय को किसी भी प्रकार
से जरूरी समझते हैं, चाहे उनकी छिपी सच्चाईयों के सामने लेन के रूप में अथवा उनकी
विशिष्टता के दृष्टिगोचर होने के रूप में, और यह समझते हैं कि वे इस विषय पर अपने
विचार, जानकारी, तथ्य अथवा दृष्टिकोण सामने रख सकते हैं, कृपया हमें amitabhthakurlko@gmail.com, nutanthakurlko@gmail.com या 094155-34526 पर संपर्क करने की
कृपा करें.
हम अपने साथियों को आश्वस्त
करना चाहते हैं कि हमारी पूरी कोशिश होगी कि यह पुस्तक किसी भी प्रकार से
पक्षपातपूर्ण नहीं हो और हम यह भी कोशिश करेंगे कि हम विषय की गहराई में जा कर
उसका तात्विक विश्लेषण कर सकें. हम कोशिश करेंगे कि हम केजरीवाल को वैसा ही
प्रस्तुत करें जैसा हमनें अपने शोध से ज्ञात होता है, ना कि हमारी किसी पूर्व
धारणा, व्यक्तिगत सोच अथवा सुनी-सुनाई बातों पर. हम यह भी आश्वस्त करना चाहेंगे कि
यह एक पूर्णतः अकादमिक पुस्तक होगी जिसमे किसी भी प्रकार के किसी प्रत्यक्ष अथवा
परोक्ष राजनैतिक निहितार्थ नहीं होंगे.
Writing a book on Arvind Kejriwal
We are writing a book on Arvind Kejriwal revolving around
the man, his personality, his making, his truth, the myths and the realities
and the lives and times surrounding him.
Arvind Kejriwal is one of the most unusual things that
happened in India in the last many years. An IITian, an IRS officer, a social
activist, an anti-corruption crusader, a politician, a Chief Minister, a contender
against a PM candidate, all rolled into one, Kejriwal had been there for long
but he emerged as a public personality on the national scale like a Dhumketu in
2011 when he teamed up with Anna Hazare and others to bring forth the Anna
movement.
Since then Kejriwal has always been in the forefront of
national happenings in various ways, through many of his omissions and
commissions. There was a time when he was considered a universal hero, with
very few detractors. Today, he has his large share of friends and foes, admirers
and detractors. There are many who have also started to write him off, while
there are others who sincerely believe that his best is yet to come. There are
others who also talk about various dark sides associated with him.
All said and done, Kejriwal’s eruption on the national scene
and his roller-coaster ride since then has been something out of the
fable-tales. Much has been written about him but at the same time, there seems
to be further need to study the man, his mission, his thinking, his persona,
his work, his accomplishments so far and his possible course of action, in the
larger firmament of Indian and global socio-political scenario.
The persona being fascinating, the rise being mesmerizing
and the entire set of events being mystical and controversial, we have been equally
attracted to the phenomenon called AK by his followers and Kejru, Khujaliwal
etc by his detractors, leading to taking a decision to make an endeavour to
study the man and his times, not in a superficial manner but through sincere,
neutral and deep-sighted perspective.
Hence this attempt to write a book on Kejriwal. We request
all those friends who feel attracted towards this topic in any manner and think
that they can put in any input about Sri Kejriwal and/or his times- including
facts, opinions, their own perspective, personal experience etc, to kindly write
to us at amitabhthakurlko@gmail.com
or nutanthakurlko@gmail.com or
contact at 094155-34526.
We assure my friends that the book will be completely unbiased
to the best of our abilities and would definitely try to delve deep into the
man and his related facts. We shall try to present the man as we find him to
be, through our thorough research work and not on the basis of what we have so
far heard or thought about him. Again we assure that it will be a completely
academic book, with no overt or covert political connotations attached to it in
any manner.
Amitabh Thakur # 094155-34526
Dr Nutan Thakur # 094155-34525
Dr Nutan Thakur # 094155-34525
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