Like every Indian, I feel truly happy to know of Mr
Kailash Satyarthi getting the Nobel Peace Prize and remember the June
2004 episode in Karnailganj, Gonda when Mr Satyarthi had been brutally
beaten by owners of Great Roman Circus while attempting to rescue
Nepalese circus girls.
The first time we had met at Circus
premises, he was bleeding profusely on his head when I had personally
attended the matter. The endevours of Gonda police had helped in pulling
out Sri Satyarthi from a rather precarious situation and to rescue
around a dozen Nepalese girls, which he and the media persons had hugely
appreciated.हर भारतीय की तरह मैं श्री कैलाश सत्यार्थी के नोबेल शांति पुरस्कार जीतने की ख़ुशी में फूला नहीं समा रहा हूँ और जून 2004 की करनैलगंज, गोंडा की उस घटना को याद कर रहा हूँ जब श्री सत्यार्थी को नेपाली सर्कस बालाओं को मुक्त करने के प्रयास में ग्रेट रोमन सर्कस के मालिक द्वारा बुरी तरह मारा-पीटा गया था.
हम पहली बार सर्कस में ही मिले थे जहां उनके सिर से बहुत खून निकल रहा था. मेरे प्रयास और गोंडा पुलिस की तत्परता से हम समय रहते उन्हें विषम स्थिति से निकाल सके थे और साथ ही दर्जन नेपाली लड़कियों को भी मुक्त करने में सफल रहे थे, जिसकी श्री सत्यार्थी और मीडियाकर्मिओं ने भूरी-भूरी प्रशंसा की थी.
इस अवसर पर मैं अपने आप को अत्यंत सौभाग्यशाली समझता हूँ कि जीवन के किसी मोड़ पर मैं इस महान विभूति के संपर्क में आया और उनके किसी काम आ सका था.
#094155-34526
Amitabh sir, you had done great job and congratulation to both of you.
ReplyDeleteBest Regards
Kapil Chourasia