Olympic Association PIL- Seek instructions from Govt
In the PIL filed by me and wife Nutan to ensure
compliance of the directions issued by the International Olympic Committee
(IOC) to Indian Olympic Association (IOA),
Allahabad High Court, Lucknow bench directed the Union of India Counsel
to obtain instructions from the Government.
The Bench of Justice Imtiyaz Murtaza and Justice Vishnu
Chandra Gupta directed the case, which is urgent in nature, to be listed in the
next week.
As per the PIL, IOC suspended IOA fin December 2012 for having failed
to comply with the directions to suitably amend its Constitution for
introducing integrity and ethics along with good governance in sports. This
suspension has many ill effects including ban from participation in Olympics.
Again during its meeting in Buenos Aires on 04 September, IOC decided
that if IOA amends its constitution by 31 October to incorporate the clause
that any person against whom charge has been framed in a law court will get removed
as an office-bearer, its suspension will be revoked.
We have said that participation in Olympics is associated with not only
sports but is also linked with the sentiments of the entire Nation and also has
its ramifications in international diplomacy and international prestige of a
Nation. At the same time, the directions issued by IOC are for the benefit of
Indian sports because it will put a ban on tainted officials. Hence, we have
prayed that the Sports Ministry, Government of India shall use its authority to
ensure that IOA complies with the IOA directions in the prescribed period so
that the ill-effects of suspension get ended.
ओलम्पिक संघ पीआईएल- सरकार से निर्देश प्राप्त
करें
मेरे और मेरी पत्नी नूतन द्वारा अंतरराष्ट्रीय ओलम्पिक
समिति (आईओसी) द्वारा भारतीय ओलम्पिक संघ
(आईओए) के संविधान में संशोधन किये जाने सम्बंधित
निर्देशों का पूर्ण पालन कराये जाने हेतु दायर पीआई में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ
बेंच ने भारत सरकार के अधिवक्ता को सरकार से निर्देश प्राप्त करने को कहा.
जस्टिस इम्तियाज़ मुर्तजा और जस्टिस विष्णु
चन्द्र गुप्ता की बेंच ने तात्कालिक महत्व वाले इस मामले की सुनवाई अगले सप्ताह
किया जाना आदेशित किया.
पीआईएल के अनुसार आईओसी ने आईओए को खेल संघ में यथेष्ठ शुचिता और सुप्रशासन लेन के लिए अपने संविधान में परिवर्तन किये जाने के निर्देश नहीं माने जाने पर दिसंबर 2012 में निलंबित कर दिया था. इस निलंबन के कई दुष्परिणाम हैं जिनमे ओलम्पिक खेलों में सहभागिता से वंचित रह जाना भी शामिल है.
पुनः हाल में 04 सितम्बर को ब्यूनोस आयर्स में हुई अपनी मीटिंग में आईओसी ने यह निर्णय लिया कि यदि आईओए 31 अक्टूबर तक अपने संविधान में यह संशोधन कर लेता है कि कोई भी पदधारक किसी न्यायालय द्वारा आरोपित होते ही अपने पद से हटा दिया जाएगा तो आईओसी आईओए पर लगा प्रतिबन्ध (निलंबन ) हटा लेग.
हमारा यह कहना है कि ओलम्पिक खेलों में सहभागिता खेल के अलावा पूरे देश की भावना और इस देश के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और अंतर्राष्ट्रीय छवि से जुड़ा मामला है. साथ ही आईओसी जो भी संशोधन करने के निर्देश दे रहा है वह भारतीय खेलों के हित में है क्योंकि इससे दागी छवि के पदधारक स्वयं ही आईओए से अलग हो जायेंगे. अतः हमने यह मांग रखी है कि खेल मंत्रालय, भारत सरकार अपने अधिकारों का प्रयोग करते हुए यह सुनिश्चित करे कि आईओए निर्धारित अवधि में आईओसी द्वारा निर्देशित संशोधन को मांग ले ताकि इस प्रतिबन्ध के कारण भारतीय खेल और खेल जगत पर पड़ रहे दुष्प्रभाव समाप्त हो सकें .
Order of the High Court--
HIGH COURT OF
JUDICATURE AT ALLAHABAD, LUCKNOW BENCH
?Court No. - 2
Case :- MISC. BENCH No. - 8155 of 2013
Petitioner :- Amitabh Thakur & Another [P.I.L.]
Respondent :- Union Of India Thr.Secy.Deptt.Of Sports, New Delhi & Another
Counsel for Petitioner :- Asok Pande,Rohit Tripathi,Tripuresh Tripathi
Counsel for Respondent :- A.S.G.
Hon'ble Imtiyaz Murtaza,J.
Hon'ble Vishnu Chandra Gupta,J.
?Court No. - 2
Case :- MISC. BENCH No. - 8155 of 2013
Petitioner :- Amitabh Thakur & Another [P.I.L.]
Respondent :- Union Of India Thr.Secy.Deptt.Of Sports, New Delhi & Another
Counsel for Petitioner :- Asok Pande,Rohit Tripathi,Tripuresh Tripathi
Counsel for Respondent :- A.S.G.
Hon'ble Imtiyaz Murtaza,J.
Hon'ble Vishnu Chandra Gupta,J.
List in the next week to enable learned counsel for the Union of India to obtain instructions in the matter.
Order Date :-
16.9.2013
MFA
MFA
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